कीचड़ में उगने वाली फसलें

भारत शुरुआत से ही एक कृषि प्रधान देश रहा है. भारत में कई तरह की फसलें उगाई जाती है. जिनके उत्पादन से किसान भाइयों को आर्थिक लाभ भी मिलता है. भारत में पैदा होने वाली इन फसलों को कई श्रेणियों में बांटा गया है. लेकिन आज हम आपको कीचड़ में उगने वाली फसलों के बारें में बताने वाले हैं.

कीचड़ की फसलें

चावल

चावल को धान के नाम से भी जाना जाता है. इसके दाने सफ़ेद रंग के होते हैं. यह सबसे ज्यादा खाई जाने वाली मुख्य खाद्य फसल है. भारत में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. धान की खेती के लिए जल भराव वाली चिकनी काली मिट्टी की जरूरत होती है. क्योंकि धान की फसल पानी में ही की जाती है. इसकी खेती भारत में खरीफ की फसलों के साथ की जाती है. यह एक एकवर्षीय फसल है. जिसको सिंचित क्षेत्रों में उगाया जाता है. इसके पौधों के लिए सामान्य तापमान उपयुक्त होता है.

सिंघाड़ा

सिंघाड़ा की खेती फल के रूप में की जाती है. इसका पौधा जल में रहकर ही विकास करते हैं. इसके पौधे जल में लता के रूप में फैलते है. इसकी पत्तियों का आकार छोटा होता है. और इसके फल तिकोने होते हैं. जिन्हें ताज़े यानी हरे रूप में ही खाए जाते हैं. इसके फलों का छिलका हटाने पर सफ़ेद रंग की एक स्वादिष्ट गिरी निकलती है, जिसको खाया जाता है. इस गिरी को सुखाकर इसका आटा बनाया जाता है. जिसका इस्तेमाल हिन्दू धर्म में व्रत के दौरान फल के रूप में किया जाता है. इसके अलावा इसका इस्तेमाल कई तरह की बिमारियों में भी किया जाता है.

कमल का फूल

कमल के फूल की खेती भी कीचड़ युक्त जल भराव वाली भूमि में ही की जाती है. कमल का फूल भारत का राष्ट्रीय फूल है. इसका इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है. कमल के फूल का इस्तेमाल आयुर्वेदिक, एलोपैथिक और यूनानी चिकित्सा में किया जाता है. हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म में कमल के फूल को एक ख़ास स्थान दिया गया है. इसके फूलों पर देवता विराजमान होते दिखाए गए हैं.

मखाना

मखाना पोषक तत्वों से भरपूर एक जलीय पौधा है. जिसको पानी के कीचड़ में उगाया जाता है. इसकी खेती बिहार में ज्यादा की जाती है. मखाना की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु की जरूरत होती है. मखाना के पौधों की पत्तियां कांटेदार होती है. जिन पर मखाना के बीज बनते है. मखाना के बीज पकने के बाद पत्तों से निकलकर तालाब की सतह में चले जाते हैं. जिन्हें बाद में पानी से निकालकर एकत्रित किया जाता है. और इन्ही बीजों से प्राप्त होने वाले लावे से मखाना तैयार किया जाता है.

2 thoughts on “कीचड़ में उगने वाली फसलें”

Leave a Comment