आज के इस तकनीकी युग में कृषि में भी कई तकनीकीयों का इस्तेमाल किया जा रहा है. आज का जागरूक किसान इन तकनीकीयों के इस्तेमाल से काफी ज्यादा पैदावार हासिल कर रहा है. वर्तमान में पॉलीहाउस एक ऐसी तकनीकी है जिसके माध्यम से किसान भाई अच्छी कमाई कर रहे हैं. लेकिन इस तकनीकी के इस्तेमाल के लिए काफी ज्यादा पूंजी की जरूरत होती है. आज हम आपको एक पॉलीहाउस के बनाने में लगने वाले खर्च और उसमें उत्पन्न की जाने वाली फसल से मिलने वाले लाभ के बारें में जानकारी देने वाले हैं.
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पॉलीहाउस क्या होता है?
पॉलीहाउस पारदर्शी पॉलीथीन से बना एक घर होता है. जिसमें किसान भाई कृत्रिम रूप से अनुकूल वातावरण बनाकर किसी भी समय की फसल से अच्छा उत्पादन हासिल कर सकता हैं. जिससे किसानों को उनकी फसल से अधिक लाभ मिलता है.
पॉलीहाउस बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
पॉलीहाउस के निर्माण के लिए कई तरह की की सामग्री की जरूरत होती है. जिनमें से कुछ स्थाई ( जिन्हें एक बार ही खरीदना पड़ता है ) और कुछ अस्थाई सामाग्री शामिल हैं.
एक बार खरीदने वाली सामग्री
- जमीन – पॉलीहाउस बनाने के लिए सबसे पहले जमीन की जरूरत होती है. इसके लिए काफी कीमत लगती है. लेकिन जिनके पास खुद की भूमि होती है उन्हें इसके लिए खर्च नही करना पड़ता.
- पॉलीहाउस बनाने की सामग्री – पॉलीहाउस को बनाने के लिए लोहे की पाइप, पॉलीथीन, सीमेंट और कंकरीट जिनका इस्तेमाल एक बार ही होता है.
- वातावरण को संतुलित करने वाले उपकरण – वातावरण को संतुलित करने वाले उपकरणों में बिजली के उपकरण आते हैं. इनकी भी खरीद एक बार ही करनी पड़ती है, जो स्थाई सामग्री में आती हैं.
- सिंचाई के उपकरण – सिंचाई के उपकरणों की खरीद भी एक बार ही करनी पड़ती है. जो कई सालों तक स्थाई बनी रहती है.
- रेफ्रिजरेटेड वैन और ऑफिस का निर्माण
- पॉलीहाउस में काम में ली जाने वाली मशीनें
बार बार खरीदने वाली सामग्री
- उर्वरक – पॉलीहाउस में खेती करने के दौरान फसलों को उर्वरक की जरूरत होती है. जिन्हें हर बार खरीदना पड़ता है.
- बीज या पौधा – किसी भी फसल को उगाने के लिए बीज या पौध की जरूरत होती है. जिसे किसान भाई को फसल को उगाने से पहले खरीदनी पड़ती है.
- सामान पैकिंग के उपकरण – फसल के पककर तैयार होने के बाद उसे बाहर बाज़ार में पैक कर बेचा जाता है. इसके लिए किसान भाइयों को पैकिंग उपकरणों की जरूरत होती है. जिन्हें फसलों के आधार पर ख़रीदा जाता है.
पॉलीहाउस बनाने में लगने वाली लागत
पॉलीहाउस के प्रकारों के आधार पर इसको बनाने में लागत लगती है. छोटे और बांस के माध्यम से किसान भाई 10 लाख की लागत में पॉलीहाउस बना सकता है. जबकि बड़े पॉलीहाउस के लिए 60 लाख से एक करोड़ रूपये की जरूरत होती है. वैसे पॉलीहाउस में लगने वाली लागत भी दो तरीके की होती है.
स्थाई लागत – स्थाई लागत वो होती है जो पॉलीहाउस बनाने के दौरान एक बार ही लगती है. जैसे पॉलीहाउस के ढाँचे का निर्माण और कुछ स्थाई उपकरण जिन्हें पॉलीहाउस में एक बार लगाया जाता है.
अस्थाई लागत – अस्थाई लागत वो होती है जो हर बार अलग अलग आवश्यकताओं की पूर्ति पर लगती है. जिसमें बीज खरीदना और मजदूरी जैसी चीजें शामिल हैं.
स्थाई चीजों पर खर्चा
स्थाई खर्च की चीजें (प्रति हेक्टेयर में ) | लागत ( लाखों में ) |
जमीन को तैयार करने का खर्च | 4 |
पॉलीहाउस बनाने का खर्च | 25 |
ऑफिस तैयार करने का खर्च | 2.5 |
पैकिंग और ग्रेडिंग के उपकरणों पर खर्च | 5 |
रेफ्रिजरेटेड वैन खरीदने पर खर्च | 4 |
बिजली उत्पादन के लिए जेनरेटर सेट की खरीद | 2 |
संपर्क सूत्र बनाने के उपकरणों पर खर्च (फोन, कम्प्यूटर) | 0.5 |
फर्नीचर खरीदने पर खर्च | 0.5 |
बिजली आपूर्ति और उसके उपकरणों पर खर्च | 2 |
सिंचाई के लिए आवश्यक उपकरणों पर खर्च | 15 |
कुल खर्चा | 60.5 |
अस्थाई चीजों पर खर्च
अस्थाई खर्च की चीजें (प्रति हेक्टेयर में ) | लागत ( लाखों में ) |
बीज और उर्वरकों की खरीद पर खर्च | 3 |
फसल की देखभाल पर खर्च | 2 |
बिजली बिल का खर्च | 2 |
प्रिजरवेटिव्स की लागत | 2 |
पैकिंग सामान पर खर्च | 3.5 |
मजदूरी और कर्मचारीयों का वेतन | 13 |
कमीशन या इंश्योरेंस पर खर्च | 10 |
अन्य सभी तरह के खर्च | 5 |
कुल खर्चा | 40.5 |
पॉलीहाउस को बनाने में कुल लागत एक करोड़ डेढ़ लाख की आती है. कोई भी किसान एक साथ इतनी रकम नही लगा सकता. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार और कुछ निजी बैंकों के माध्यम से इसके लिए लोन दिया जाता है. जिसका 25 प्रतिशत ही किसान भाइयों को देना पड़ता है. इसके अलावा सरकार की तरफ से इसके लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जाती है. इसके लोन को भरने के लिए बैंको की तरफ से शुरुआत में कुछ समय तक छुट भी दी जाती है.
हमने इसमें पॉलीहाउस निर्माण में जो खर्चा बताया है वो एक साधारण खर्च है. लेकिन किसान भाई इनमें से कई चीजों पर खर्च अपनी इच्छा के मुताबिक बचा सकता हैं. जैसे ऑफिस का निर्माण ना कर घर से इसको संभाल सकता हैं, जमीन खुद की हो तो जमीन पर होने वाला कुल खर्च भी बचा सकता हैं.
पॉलीहाउस से होने वाली आय
पॉलीहाउस को बनाने में जितना खर्च आता है. उससे कहीं ज्यादा इससे किसान भाइयों को आय प्राप्त होती है. जिसके बारें में भी हम बताने वाले हैं. जिसके उदाहरण के रूप में गुलाब के फूलों की खेती को लेते हैं.
उत्पाद का विवरण (प्रति हेक्टेयर में ) | उत्पाद की संख्या (लगभग) |
गुलाब के पौधों की संख्या | 120000 |
एक पौधे से मिलने वाले फूल | 110 |
एक पौधे से मिलने वाले अच्छी गुणवत्ता के फूल | 60 – 80 |
गुलाब के एक फूल का बाज़ार भाव | 6 – 10 |
एक हेक्टेयर में बेचे जाने वाले गुलाब के फूलों की संख्या | 8000000 |
इस तरह एक हेक्टेयर से एक बार में 80 लाख के आसपास अच्छी गुणवत्ता के फूल प्राप्त होते हैं. जिनका बाज़ार भाव 6 रूपये प्रति फूल भी रखे तो 80 लाख फूलों को बेचने पर 4 करोड़ 80 लाख की कमाई होती है. इस तरह किसान भाइयों की एक बार में पॉलीहाउस से अच्छी खासी कमाई हो जाती है.