प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार किसानों की आय को दोगुना करने के अपने संकल्प पर कार्य कर रहे हैं. जिसको सफल बनाने के लिए वो कई योजनाओं को शुरू भी कर चुके हैं. जिनसे किसान भाइयों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा हैं. लेकिन आज हम आपको उनकी एक और योजना के बारें में बताने वाले जो किसानों की आय को बढ़ाने में बहुत ही मददगार साबित हो रही हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई इस योजना का नाम प्रधानमंत्री आशा योजना है. जिसका पूरा नाम प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान हैं. जिसका क्रियान्वयन साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया.
प्रधानमंत्री आशा योजना क्या है?
प्रधानमंत्री आशा योजना किसानों की आय बढ़ाने के लिए शुरू की गई योजना हैं. जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना है. इस योजना के द्वारा सरकार ने फसलों की उत्पादन लागत का डेढ़ गुना मूल्य निर्धारित कर फसलों की एमएसपी को बढ़ाया है. वर्तमान में सरकार ने खरीफ और रबी की कई फसलों का एमएसपी बढ़ाया है. जिसका प्रत्यक्ष लाभ किसानों को मिल रहा है.
योजना का लाभ कौन ले सकता है.
इस योजना का लाभ योजना के अंतर्गत पंजीकृत सभी किसान भाई उठा सकते हैं. इस योजना में मिलाने वाले लाभ का भुगतान सीधा किसान भाइयों के खतों में किया जाएगा. जिससे फसल की नीलामी की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता बनी रहती है.
पंजीकरण कैसे कराए ?
इस योजना का पंजीकरण सरकार द्वारा निर्धारित तारीख के हिसाब से किया जाता है. जिसके लिए किसान भाई नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं.
पंजिकारण के लिए आवश्यक दस्तावेज़
- पासपोर्ट साइज़ का फोटो.
- आधार कार्ड.
- भूमि की जानकारी के लिए पटवारी द्वारा जारी की गई भूमि की जानकारी.
- बैंक पासबुक
प्रधानमंत्री आशा योजना के उद्देश्य
प्रधानमंत्री आशा योजना की शुरुआत कई उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए की गई है.
- प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान योजना की शुरुआत का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना ही हैं.
- किसानों को फसल के उत्पादन पर मिलने वाले लाभ उनकी फसलों के उत्पादन में लगने वाली लागत से डेढ़ गुना तक बढ़ाना.
- फसलों का एमएसपी सरकार द्वारा तय मानकों के आधार पर बढ़ाना.
- फसलों पर मिलने वाले न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान सूनिश्चित करना.
- फसल खरीद में नीजी क्षेत्र की भागीदारी को सुनिश्चित करना.
प्रधानमंत्री आशा योजना के मुख्य घटक
प्रधानमंत्री आशा योजना में तीन घटक योजनाओं को भी शामिल किया गया. जो अब आशा योजना के माध्यम से काम कर रही हैं.
मूल्य समर्थन योजना
मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत केंद्रीय नोडल एजेंसी और राज्य सरकार साथ मिलकर सभी प्रकार की दाल, तिलहन और कोपरा की खरीद सरकार करेगी. जिसमे सरकार द्वारा कुल उत्पादन की 25 प्रतिशत तक की खरीद पर होने वाले व्यय और हानि का सम्पूर्ण भुगतान खुद सरकार द्वारा किया जाएगा.
मूल्य न्यूनतम भुगतान योजना
मूल्य न्यूनतम भुगतान योजना भी आशा योजना का घटक है. इस योजना के माध्यम से सरकार किसान भाइयों को एमएसपी और थोक बाजार में तिलहन फसलों के विक्रय मूल्य के अंतर का भुगतान करेगी. यह योजना देश के 25 प्रतिशत तक के तिलहन उत्पादन करने वाले क्षेत्र पर कार्य करेगी. इसमें सभी तिलहन फसलें जो न्यूनतम समर्थन मूल्य में अधिसूचित हैं उनका भुगतान इस योजना के माध्यम से किया जायेगा.
निजी खरीद एवं स्टॉकिस्ट पायलट योजना
प्रधानमंत्री आशा योजना का ये तीसरा घटक है. इसमें जब भी बाजार में फसलों का थोक भाव निर्धारित एमएसपी से नीचे आ जाएगा तो सरकार द्वारा चुनी हुई निजी एजेंसी निजी खरीद एवं स्टॉकिस्ट पायलट योजना (पीपीएसएस) से जुड़े दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इस योजना से जुड़े हुए किसानों से निश्चित अवधि में निश्चित बाजार में एमएसपी पर फसल की खरीदारी करेगी.
योजना के लाभ
इस योजना के शुरू होने के बाद से कई तरह के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ देखने को मिले हैं.
- किसान भाइयों की फसल खरीद पर होने वाले व्यय और खरीद के दौरान होने वाले नुकसान का भुगतान केंद्र सरकार करती हैं.
- किसान भाइयों को उनकी फसल के उचित दाम मिलते हैं. जिनका भुगतान उचित टाइम रहते किया जाता है.
- किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ने से उन्हें उनकी फसलों के दाम अधिक मिल रहे हैं. जिससे फसलों के उत्पादन में होने वाली हानि कम हुई है.
- फसलों की खरीद में सरकार की भागीदारी बढ़ी है.