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डेयरी व्यवसाय कैसे शुरू करे – पूरी जानकारी

2019-11-06T16:37:54+05:30Updated on 2019-11-06 2019-11-06T16:37:54+05:30 by bishamber Leave a Comment

आज के युवाओं का ध्यान खेती की तरफ ज्यादा बढ़ रहा है. जिसकी वजह से खेती में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. खेती के साथ साथ आज का युवा खेती संबंधित कारोबार में भी ध्यान देने लगा है. जिससे किसानों की आय में भी इजाफा देखने को मिल रहा है. आज हम आपको खेती से जुड़े व्यवसायों की श्रेणी में शामिल डेयरी उद्योग के बारे में बताने वाले हैं.

Table of Contents

  • डेयरी व्यवसाय
  • डेयरी व्यवसाय के प्रकार
    • छोटे स्तर पर
    • सामान्य स्तर पर
    • बड़े स्तर पर
  • डेयरी व्यवसाय से लाभ हानि का आंकलन
  • डेयरी फार्म शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से सहायता
  • डेयरी फार्म के लिए पशुधन कहाँ से खरीदें.
  • डेयरी फार्म के लिए पशुओं का चयन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें.
  • डेयरी फार्म खोलने के लिए आवश्यक चीजें
    • जमीन का चयन
    • पशुओं और उत्पादन को सुरक्षित रखने के लिए जगह का निर्माण
    • मजदूरों का चयन
    • वाहन सुविधा
  • पशुओं की देखभाल और उनका दूध निकालना
  • उत्पाद (दूध) को बेचना
    • व्यवसाय का पंजीकरण
    • उत्पाद या कंपनी की मार्केटिंग
    • उत्पाद की पेकिंग और रखरखाव
डेयरी व्यवसाय कैसे शुरू

वर्तमान में भारत देश की बढ़ती जनसंख्या में डेयरी प्रोडक्ट की मांग लगातार बढ़ रही है. जिस कारण डेयरी व्यवसाय एक बहुत अच्छे मुनाफे का सौदा हो सकता है. वर्तमान में डेयरी व्यवसाय में काफी बढ़ावा भी देखने को मिला है. आज ग्रामीण क्षेत्रों में काफी लोग हैं जो इसे अपना चुके हैं, ओर अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. डेयरी व्यवसाय को करने में काफी सावधानियां भी रखनी होती हैं. इसकें अलावा इसे शुरू करने के लिए अनुभव की भी जरूरत होती हैं.

डेयरी व्यवसाय

डेयरी व्यवसाय को शुरू करना इतना आसान भी नही है, जितना की हर आम इंसान सोचता है. इसको शुरू करने के लिए कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता हैं. डेयरी व्यवसाय को पशुपालन से जोड़कर देखा जाता है. क्योंकि इसको शुरू करने के लिए पशुओं का होना जरूरी होता है. लेकिन कभी कभी पशुओं में रोग आ जाने की वजह से व्यवसाय में काफी ज्यादा घाटा भी आ जाता है. डेयरी व्यवसाय को शुरू करने से पहले इसकी जानकारी अच्छी तरह ले लेनी चाहिए. इसके लिए किसी डेयरी केंद्र पर जाकर इसका प्रशिक्षण लेना चाहिए. और इसके सम्बन्ध में सही जानकारी जुटानी चाहिए. जो बाद में शुरू करने के दौरान काम आती हैं.

डेयरी व्यवसाय के प्रकार

डेयरी व्यवसाय वैसे तो एक तरह से किया जाता हैं. लेकिन पशुओं की संख्या के आधार पर यह तीन तरह से किया जाता हैं.

छोटे स्तर पर

छोटे स्तर इसको शुरू करने के लिए अधिक पैसे या जगह की जरूरत नही होती. छोटे स्तर पर इसकी शुरुआत तीन या चार दुधारू पशु घर पर रखकर कर सकते हैं. जिसको शुरू करने में काफी कम खर्च आता है. छोटे स्टार पर अगर आप चार उत्तम नस्ल की भेंस या गायों को रखकर इसका व्यवसाय शुरू करते हैं. तो आप आसानी से महीने भर में 18 से 20 हजार की कमाई कर सकते हैं.

सामान्य स्तर पर

सामान्य स्तर पर इसको शुरू करने के लिए पांच से सात लाख की जरूरत होती है. सामान्य स्तर पर शुरू करने के लिए कम से कम 15 उत्तम नस्ल की गाय या भैसों का होना जरूरी होता है. सामान्य स्तर पर इसको किसान भाई आसानी से खेती के साथ साथ कर सकता है. जिससे किसान भाई को खेती के साथ साथ हर माह 60 हजार के आसपास लाभ कमा सकते हैं.

बड़े स्तर पर

बड़े स्तर पर इसको शुरू करने के लिए कई चीजों की जरूरत होती है. बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए अधिक जगह के साथ साथ अधिक लोगों की भी जरूरत होती है. बड़े स्तर पर इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए कम से कम 30 से 50 उत्तम नस्ल की गाया या भैसों की आवश्यकता होती है. अगर किसान भाई 30 भैसों के साथ बड़े स्तर पर व्यवसाय शुरू करता है. तो वो हर महीने तक़रीबन एक लाख के आसपास कमाई कर सकता है.

डेयरी व्यवसाय से लाभ हानि का आंकलन

डेयरी व्यवसाय ज्यादातर लाभ का सौदा ही होता है. लेकिन कभी कभी पशुओं में किसी खरनाक बीमारी के आ जाने की वजह से इसमें नुक्सान उठाना पड़ जाता है. अगर साधारण रूप से इसमें लाभ या हानि का आकलन किया जाते तो एक भैंस दिन में 10 लीटर दूध देती है. जिसका भाव 40 रूपये प्रति लीटर मिले तो एक दिन में चार सौ रूपये और महीने में 12 हजार की कमाई होती हैं. उसी तरह एक पशु पर अगर रोजाना 250 रूपये का खर्च आये तो एक पशु से रोज़ 150 रूपये की बचत होती है. ऐसे में छोटे स्तर पर इसका व्यवसाय करने पर रोज़ 600 रूपये के आसपास कमाई हो जाती है. और महीने भर में 18 हजार की शुद्ध कमाई किसान भाई को होती हैं. बाकी बड़े और माध्यम स्तर पर कमाई का आंकलन प्रति पशु से होने वाली कमाई के आधार पर कर सकते हैं.

डेयरी फार्म शुरू करने के लिए सरकार की तरफ से सहायता

वर्तमान में सरकार की तरफ से भी डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्रदान की जाती है. जिसमें सरकार डेयरी फार्म शुरू करने के लिए अनुसूचित जाती और जनजाती के लोगों को प्रति पशु की खरीद पर 23300 और बाकी श्रेणी के लोगों को 17750 दिए जाते हैं. जिसकी अधिकतम सीमा सिर्फ डेढ़ लाख रुपये ही है.

बड़े पैमाने पर शुरू करने के लिए बैंको की तरफ से सब्सिडी के आधार पर लोन दिया जाता हैं. जिसमें कुछ प्रतिशत मार्जिन भरकर लोग इसे शुरू कर सकते हैं. वर्तमान में कई बैंक है जो इसके लिए सस्ती ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करते हैं.

डेयरी फार्म के लिए पशुधन कहाँ से खरीदें.

डेयरी व्यवसाय शुरू करने के लिए अच्छी नसल के दुधारू पशुओं का होना जरूरी है. क्योंकि दुधारू पशुओं के होने से उत्पादन अधिक मिलता हैं. जिससे लाभ भी ज्यादा प्राप्त होता है. अधिक उत्पादन लेने के लिए गाय और भैसों की कई उत्तम नस्लें हैं जो डेयरी व्यवसाय के लिए सबसे उत्तम मानी जाती हैं. जिन्हें किसान भाई लोकल रूप में अपने पास के गावों से खरीद सकता है. इसके अलावा पशु मेलों में जाकर भी खरीद सकता हैं.

सरकार की तरफ से भी पशुओं की खरीद के लिए एक वेबसाइट बनाई हुई है. जहां से उत्तम नस्ल के पशु सस्ते दाम (रूपये) में मिल जाते हैं. सरकारी पोर्टल से पशुओं की खरीद के लिए https://epashuhaat.gov.in/ इस लिंक पर क्लिक करें. इस पोर्टल पर किसान भाई पशुओं को खरीदने के साथ साथ बेच भी सकते हैं. पशुधन की खरीद के वक्त पशु के बारे में सम्पूर्ण जानकारी होनी जरूरी होती है. भैंस की उन्नत नस्लों की जानकरी के लिए यहाँ क्लिक करें.

डेयरी फार्म के लिए पशुओं का चयन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें.

  1. डेयरी फ़ार्म के लिए पशुओं की खरीद के दौरान अधिक दूध देने वाली नस्ल के पशुओं को ही खरीदना चाहिए.
  2. पशुओं को खरीदने के दौरान पशु स्वस्थ होना चाहिए.
  3. पशुओं को दिया जाने वाला खाना उत्तम और उचित मात्रा में देना चाहिए. जिससे पशुओं से दुग्ध उत्पादन अधिक मात्रा में मिलता हैं.
  4. पशुओं की देखभाल अच्छे से की जानी चाहिए. ताकि पशु अच्छे से विकास करें.

डेयरी फार्म खोलने के लिए आवश्यक चीजें

डेयरी फार्म खोलने की जानकारी के बाद नंबर आता है डेयरी फार्म को शुरू करने के लिए आवश्यक चीजों का, डेयरी फार्म व्यवसाय को शुरू करने के लिए कई मूलभूत चीजों की आवश्यकता होती हैं.

जमीन का चयन

डेयरी व्यवसाय को शुरू करने के लिए सबसे पहले जमीन की जरूरत होती है. जमीन का चयन करते समय ध्यान रखे की जगह किसी बड़े बाजार के आसपास हो ताकि उत्पादन को बेचने में अधिक दिक्कतों का सामना ना करना पड़े.

छोटे और सामान्य स्तर पर डेयरी व्यवसाय किसान भाई बाजार में भी शुरू कर सकता है. लेकिन बड़े स्तर पर शुरू करने के लिए अधिक जमीन की जरूरत होने की वजह से बड़े फ़ार्म बाजार के बहार ही बनाए जाते हैं. बड़े फ़ार्म के रूप में व्यवसाय शुरू करने के लिए किसान भाई या व्यवसायी के पास अगर जमीन खुद की ना हो तो इसको शुरू करने के लिए जमीन किराए पर भी ले सकता है. या और जमीन खरीदकर भी शुरू कर सकता है.

पशुओं और उत्पादन को सुरक्षित रखने के लिए जगह का निर्माण

जमीन का चयन करने के बाद पशुओं के रखने और उनकी देखरेख करने के लिए मौसम के आधार पर जगह का निर्माण कराया जाता है. सर्दियों में पशुओं को बंद जगह की जरूरत होती हैं ताकि वो सर्दी से बच सके. जबकि इसके विपरीत गर्मियों में पशुओं को खुले वातावरण की जरूरत होती है. ताकि पशु आसानी से खुली हवा में छाया के नीचे रह सके. इसलिए गर्मियों के मौसम में पशुओं के रहने के लिए टिन शेड से बने बाड़े का निर्माण किया जाता है. इसके अलावा पशुओं के पीने और नहाने के लिए फार्म में पानी की उचित व्यवस्था भी की जाती है.

पशुधन के रहने की व्यवस्था के बाद डेयरी व्यवसाय में काम आने वाले उपकरणों के रखरखाव और काम करने वाले लोगों के रहने के लिए कुछ कमरों की जरूरत होती है. इसके अलावा उत्पाद को सुरक्षित रखने के लिए शितघर या मशीनों की जरूरत होती है. जिन्हें रहने और रखने के लिए चार से पांच कमरों का निर्माण करवाया जाता है.

मजदूरों का चयन

डेयरी व्यवसाय को छोटे और सामान्य पैमाने पर चलाने के लिए अधिक मजदुर या लोगों की जरूरत नही होती. छोटे पैमाने पर होने वाले कार्य खुद किसान भाई या व्यवसायी आसानी से कर सकता हैं. जबकि सामान्य स्तर पर करने के दौरान एक या दो व्यक्ति की जरूरत होती है. जो पशुओं की देखरेख और उनका दूध निकालने का काम करते हैं. जबकि बड़े पैमाने पर शुरू करें के लिए अधिक लोगों को रखना पड़ता है. जिनका चयन करने के दौरान व्यक्ति मेहनती और ईमानदार होना चाहिए.

वाहन सुविधा

उत्पाद को बाजार में भेजने के लिए वाहन सुविधा का होना जरूरी होता है. ताकि उत्पाद उचित समय पर लोगों के पास पहुँच जाए और खराब भी ना हो पाए. वाहन सुविधा की जरूरत तब होती हैं जब किसान भाई अपने उत्पाद को अपने तरीके से बेचता है.

पशुओं की देखभाल और उनका दूध निकालना

डेयरी व्यवसाय शुरू करने के बाद सबसे पहले पशुओं की देखभाल की जाती है. इसके लिए पशुओं को उचित समय पर उचित मात्रा में उनको खाना दिया जाता है. खाना देने के दौरान पशुओं को पोष्टिक खाना देना चाहिए. उचित और पोष्टिक खाना देने की वजह से पशुओं का विकास अच्छे से होता है. और प्राप्त होने वाला दूध भी अधिक मात्रा में मिलता है. पशुओं के खाने के रूप में अनाज, खल, बिनोले, सूखे हरे चारे की आवश्यकता होती है.

हर पशु दिन में दो बार दूध देता है. लेकिन गायों की कुछ नस्लें ऐसी हैं जो दिन में तीन बार भी दूध देती हैं. पशुओं का दूध निकालने का काम ज्यादातर मजदूरों के द्वारा किया जाता है. लेकिन वर्तमान में कई ऐसी मशीने बनाई जा चुकी है. जिनके माध्यम दूध निकाला जाता है. दूध निकालने के बाद उसे एक जगह एकत्रित कर देना चाहिए. और दूध में छानकर साफ सुथरा रखना चाहिए.

उत्पाद (दूध) को बेचना

पशुओं से मिलने वाले दूध को व्यवसायी दो तरीकों से बेच सकता हैं. पहले तरीके से वो अपने दूध को किसी कम्पनी को बेचकर लाभ कम सकता हैं. जिसमें उसे किसी तरह के वाहन की जरूरत भी नही होती. लेकिन अगर उत्पादन कर्ता बड़े पैमाने पर इसको कर रहा है तो वो खुद की कंपनी बनाकर दूध के प्रोडक्ट बनाकर और उसकी पैकिंग कर बाजार में बेच सकता है. इसके लिए अधिक मेहनत की जरूरत होगी. लेकिन ऐसा कर वो अपने दूध से अधिक कमाई कर सकता है.

खुद की कम्पनी बनाकर व्यापार करने लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाना अति आवश्यक है.

व्यवसाय का पंजीकरण

अगर उत्पादन कर्ता अपने उत्पाद को खुद बेचना चाहता है तो इसके लिए अपनी कम्पनी के नाम का पंजीकरण कराना होगा. जिसके लिए कम्पनी के नाम का पंजीकरण स्थानीय प्राधिकरण के दफ्तर में जाकर करवाना होता है. कंपनी का नाम पंजीकरण करवाने के बाद वैट पंजीकरण करवाना होता है. इसके अलावा ट्रेड़ लाइसेंस और FSSAI का लाइसेंस भी लेना पड़ता हैं. जिसके बाद आप अपने उत्पाद को अपने नाम से बेच सकते हैं. इसके पंजीकरण और लाइसेंस लेने में कुछ रूपये खर्च होते हैं.

उत्पाद या कंपनी की मार्केटिंग

व्यवसाय को पंजीकरण कराने के बाद अपने माल को बेचने के लिए उसकी मार्केटिंग करनी पड़ती है. जिसमें सबसे ज्यादा मेहनत की जरूरत होती है. इसके लिए लोगों के बीच में खुद को स्थापित करने के लिए बेहतर क्वालिटी के उत्पाद देना सबसे अच्छा होता है. साथ लोगों को अपनी कंपनी के उत्पाद की खूबीयों के बारें में बताना होगा. इन सभी की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए आप अपने उत्पाद की मार्केटिंग वर्तमान में अखबार और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया के माध्यम से भी कर सकते हैं. या फिर अधिक रूपये लगाकर अपने उत्पाद का प्रमोशन किसी फेमस व्यक्ति से करा सकते हैं. इसके अलावा लोकल मार्केट रिटेल के रूप में इसे बेच सकते हैं.

उत्पाद की पेकिंग और रखरखाव

दूध निकालने के बाद दूध के कई उत्पाद बनाए जाते हैं. जिन्हें उत्पादन कर्ता अपनी कंपनी के नाम से तैयार कर बाजार में बेचने के लिए भेज सकता है. उत्पाद की पैकिंग करने के बाद उस पर लेबलिंग का काम किया जाता है. जिसमें उत्पाद के बारें में सभी तरह की जानकारी दी जाती है. उत्पाद की पैकिंग करने के बाद उन्हें शितघर में रखा जाता है ताकि उत्पाद खराब ना हो. इसके उत्पाद को अधिक समय तक स्टोर करके नही रखा जा सकता. इसलिए उत्पाद को तुरंत बेच देना चाहिए.

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