जानिये ग्राम प्रधान कैसे बनता है, उसके कार्य और वेतन

भारत एक ग्राम प्रधान देश है. यहाँ की ज्यादातर जनसंख्या ग्रामीण परिवेश में रहती है. भारत के इस ग्रामीण परिवेश में विकास कार्यों के निर्धारण और स्वयं का प्रशासन स्थापित करने के लिए भारतीय सविधान में पंचायती राज का प्रावधान दिया गया है. संविधान के अनुच्छेद 243 के तहत पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत ग्राम सभा और ग्राम पंचायत का गठन किया जाता है. ग्राम पंचायत का प्रमुख ग्राम प्रधान होता है. जिसे सरपंच के नाम से भी जाना जाता है. आज हम आपको ग्राम प्रधान के चुनाव, उसकी योग्यता और उसके द्वारा किये जाने वाले कार्यों के बारें में बताने वाले हैं.

ग्राम प्रधान का चुनाव

ग्राम पंचायत और उसका प्रधान

ग्राम पंचायत कई प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्र ( ग्राम सभा / वार्डों ) को मिलाकर बनाई जाती है. ग्राम सभा या ग्राम पंचायत का निर्धारण किसी भी क्षेत्र की जनसंख्या के आधार पर होता है. एक ग्राम पंचायत में 1000 से 3000 तक की जनसंख्या पाई जाती है. जिस पर 9 से लेकर 15 तक ग्राम पंचायत के सदस्य होते हैं. इन सभी का एक मुखिया होता है. जिसे ग्राम प्रधान या सरपंच कहा जाता है.

ग्राम प्रधान बनने के लिए योग्यता

  1. ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने वाला व्यक्ति उसी ग्राम पंचायत का मूल निवासी होना चाहिए.
  2. उसकी उम्र 21 साल से ज्यादा होनी चाहिए.
  3. कई राज्यों में अब इसके लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता को लागू कर दिया गया है. जिसमें में चुनाव लड़ने वाला व्यक्ति 10वी. या 8 वीं  पास होना चाहिए.
  4. कई राज्यों में ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार के घर में शौचालय का होना भी जरूरी माना गया है.

ग्राम प्रधान का चुनाव

ग्राम प्रधान का चुनाव ग्राम पंचायत की वोटिंग लिस्ट में शामिल जनता के द्वारा किया जाता है. ग्राम पंचायत की वोटिंग लिस्ट में शामिल लोग अपने मताधिकार के आधार पर ग्राम प्रधान का चुनाव करती है. ग्राम प्रधान का चुनाव राज्य सरकार के निर्वाचन आयोग द्वारा हर पांच साल में कराया जाता है. जिसमें सबसे ज्यादा वोट पाने वाला व्यक्ति ग्राम प्रधान बनता है.

ग्राम प्रधान का वेतन

ग्राम प्रधान का मानदेय काफी कम होता है. हरियाणा की बात करें तो हरियाणा के ग्राम प्रधानों का मानदेय 3 हज़ार रूपये हैं. वहीँ उत्तर प्रदेश के प्रधानों का मानदेय 3500 रूपये हैं. इसके अलावा भत्ता के रूप में 15000 रूपये भी हर महीने दिए जाते हैं.

ग्राम प्रधान के कार्य

ग्राम प्रधान के अंतर्गत सम्पूर्ण ग्राम पंचायत में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सभी कार्य आते हैं. जिनमें पशुपालन, दुग्ध उद्योग, मुर्गी पालन, मछली पालन, कुटीर उद्योग, ग्राम स्वच्छता, पेयजल व्यवस्था, सड़क व भवन निर्माण और  विद्युतीकरण सम्बंधित कार्य जैसे और भी कार्य शामिल हैं. इसके अलावा सरकार द्वारा ग्रामीणों के लिए शुरू की जाने वाली सभी योजनाओं की जानकारी देना और उनका क्रियान्वयन करना भी शामिल हैं.

ग्राम प्रधान की जिम्मेदारियां

ग्राम पंचायत और ग्राम सभा से संबंधित काफी जिम्मेदारीयां हैं, जिनका निर्वहन ग्राम प्रधान को करना होता है. जिनमें मुख्य रूप से कुछ जिम्मेदारी जिनका निर्वहन करना ग्राम प्रधान के लिए बहुत जरूरी होता हैं.

  1. ग्राम पंचायत और सभा की बैठकों का आयोजन करना और उनकी अध्यक्षता करना.
  2. ग्राम पंचायत में होने वाले कार्यों की देखभाल करना.
  3. सरकार द्वारा प्रस्तावित ग्राम पंचायत की योजनाओं को लागू करना.
  4. सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यों को करवाना.
  5. पंचायत क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का निपटारा करना.
  6. पंचायत क्षेत्र में होने वाले कार्यों में कार्यरत कर्मचारीयों के कार्यों की देखरेख करना और उन्हें दिशा निर्देशित करना.

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