कलम के माध्यम से पौध तैयार करने के तरीके 

कलम के माध्यम से पौध तैयार करने की विधि एक अलैंगिक प्रजनन है. जिसका उपयोग बीज में बिना नए पौधे बनाने में किया जाता है. कलम के माध्यम से बने पौधे जल्दी फल देने लगते हैं. वर्तमान में लगभग सभी नर्सरी में कलम के माध्यम से पौध तैयार की जाती हैं.

कलम तैयार करने की विधियाँ

आज हम आपको कलम बनाने की कुछ विधियों के बारें में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले हैं.

साधारण ग्राफ्टिंग

ग्राफ्टिंग की साधारण विधि के माध्यम से पौधे किसी भी समय तैयार किये जा सकते हैं. ग्राफ्टिंग की ये विधि सबसे सस्ती विधि हैं. इस विधि से तैयार पौधे अच्छे से वृद्धि करते हैं. इस विधि में किसी भी पौधे की ग्राफ्टिंग करने के लिए उसकी पकी हुई शाखा की जरूरत होती है. इस विधि के माध्यम से पौध तैयार करने के लिए रूटीन हार्मोन्स, शहद, चाकू और संशोधित मिट्टी की जरूरत होती है.

जिस पौधे को हम कलम बनाने के लिए चुनते हैं, उस पौधे की डाली से पकी हुई शाखा को काट लेते हैं. उसके बाद शाखा से 5 इंच की एक कलम काट लेते हैं. कलम की साइज़ पेंसिल के सामान होनी चाहिए. कलम काटने के बाद उस पर नीचे की तरफ से दो कट लगाकर छील लेते हैं. जिससे कलम का अंदरूनी भाग निकल आता हैं. उसके बाद कलम को रूटीन हार्मोन में डुबोकर तैयार की हुई मिट्टी में एक छेद बनाकर उसमें लगा देते हैं. रूटीन हार्मोन की जगह शहद का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
कलम को मिट्टी में लगाने के बाद उसे किसी पारदर्शी बोतल के द्वारा वायुरोधी बना दिया जाता है. कलम को वायुरोधी बनाने के बाद उसे सीधे धुप से बचाने के लिए छायादार जगह में रख देते हैं.  और पानी देते रहते हैं. जब पौधा अच्छे से अंकुरित हो जाए तब उसे दूसरी जगह पर लगाया जा सकता है. इस विधि का इस्तेमाल सिर्फ कम पौधे बनाने के लिए किया जा सकता हैं.

दाब कलम विधि

गूटी बांधना

दाब कलम विधि को गूटी बाधना भी कहा जाता है. इस विधि के माध्यम से कलम तैयार करने के लिए शुरुआत में शाखा को पौधे से अलग करने की जरूरत नही होती. बल्कि कलम तैयार होने के बाद शाखा को काटा जाता है. इस विधि से पौध तैयार करने के लिए बारिश का मौसम सबसे उपयुक्त होता है. बारिश के अलावा किसी अन्य मौसम में करने के लिए अधिक देखभाल की जरूरत होती है.
इस विधि से पौध तैयार करने के लिए शाखा का चयन करते वक्त ध्यान रखे की शाखा की मोटाई अधिक नही होनी चाहिए. शाखा का चयन करने के बाद उस पर गोल आकार के छल्लों का निर्माण कर लें. छल्लों का निर्माण करने के लिए शाखा की छाल को दोनों तरफ से काटकर हटा देते हैं. छाल को हटाते के दौरान शाखा के अंदरूनी भाग को नुक्सान नही पहुँचना चाहिए.

ऊपर की छाल को हटाने के बाद सफ़ेद दिखाई देने वाले भाग पर उर्वरक मिली मिट्टी को लगाकर उसे पॉलीथिन से वायुरोधी बना देते हैं. इस विधि से तैयार की हुई पौध 20 दिन बाद अंकुरित होना शुरू हो जाती है. अंकुरित होने के बाद उन्हें पेड़ से सावधानीपूर्वक काटकर और पॉलीथिन हटाकर उचित जगहों पर लगा दें. ये विधि भी व्यापारिक इस्तेमाल के लिए उचित नही होती.

क्लेफ्ट ग्राफ्टिंग

क्लेफ्ट ग्राफ्टिंग

क्लेफ्ट ग्राफ्टिंग विधि का इस्तेमाल व्यापारिक तौर पर किया जाता है. इस विधि के माध्यम से पौध तैयार करने के लिए मूल पौधे की शाखा के साथ जंगली पौधे की आवश्यकता होती है. इस विधि से पौध तैयार करने के लिए मूल पौधे की शाखा को एक तरफ से वी (v) आकर में एक सेंटीमीटर के आसपास छिल लेते हैं.

उसके बाद दूसरे जंगली पौधे को मूल के पास से काटकर उसके तने को बीच से दो भागों में चीर देते हैं. उसके बाद वी (v) आकार में तैयार की मूल शाखा को जंगली पौधे के चीरे में डालकर पॉलीथिन से खीचकर बाँध देते हैं. ताकि हवा और पानी उसके अंदर ना जा पाए. कलम लगाने के कुछ दिनों बाद दोनों पौधों के जोड़ मिल जाते हैं. और पौधा अच्छे से विकास करता है.

एप्रोच ग्राफ्टिंग

एप्रोच ग्राफ्टिंग

एप्रोच ग्राफ्टिंग तकनीकी के इस्तेमाल से संकर किस्म का निर्माण अच्छे से होता हैं. इस तकनीकी का इस्तेमाल व्यापारिक रूप से नही किया जा सकता. इस विधि में दो अलग अलग किस्म के पौधों की आवश्यकता होती है. इन दोनों पौधों में मूल तने को बीच से एक से डेढ़ सेंटीमीटर तक आधा छिल लेते हैं.

उसके बाद दोनों छिले हुए तनो को आपस में जोड़कर पॉलीथिन के माध्यम से टाईट बाँध देते हैं. ताकि जुड़े हुए भाग में हवा और पानी का संचार ना हो पाए. एप्रोच ग्राफ्टिंग की विधि में किसी पौधे को नष्ट नही किया जाता बल्कि दोनों पौधे अलग अलग होते हुए एक साथ बढ़ते हैं. दोनों के गुण एक दूसरे में मिक्स हो जाते हैं. कुछ दिनों बाद जब दोनों पौधे आपस में जुड़ जाए तब पॉलीथिन को हटाकर दोनों पौधों को किसी एक जगह पर लगा देते हैं. और जोड़ वाले भाग को बाँधकर रखते हैं.

लेकिन एक पौधा रखना हो तो जड़ और शाखा की क्रॉस कटिंग कर एक दूसरे से अलग कर देते हैं. जिसे एक ही पौधा बच जाता हैं.

ये ग्राफ्टिंग की वो चार विधियाँ है. जिनके बारें में हमें मालूम है. इनके अलावा और भी विधि हो सकती है. जिनके बारें में अगर आपको पता हो तो कमेंट बॉक्स में हमें जानकारी दें.

1 thought on “कलम के माध्यम से पौध तैयार करने के तरीके ”

  1. साधारण ग्राफ्टिंग से कितने दिन में पौधा तैयार हो जाएगा |

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