DAP, NPK और यूरिया क्या होता है, कृषि में इनका उपयोग कब करें  

पौधों को विकास करने और अधिक पैदावार देने के लिए भूमि से पोषक तत्वों की जरूरत होती है. भूमि में कुल 16 तरह के पोषक तत्व पाए जाते है. जिसमें से 3 पोषक तत्व ऐसे है जिनकी जरूरत पौधों को सबसे ज्यादा होती है. भूमि में इन पोषक तत्वों की आपूर्ति उर्वरकों के माध्यम से की जाती है. इन उर्वरकों का इस्तेमाल किसान अपनी फसलों से अधिक पैदावार लेने के लिए करता है.

DAP, NPK और यूरिया

वर्तमान में काफी ऐसी कंपनियाँ हैं जो रासायनिक उर्वरक तैयार कर रही हैं. जिनका इस्तेमाल किसान भाई अपनी फसलों से उत्तम पैदावार लेने के लिए कर रहे हैं. लेकिन आज हम आपको DAP, NPK और यूरिया  उर्वरकों और इनके उपयोग के बारें में बताने वाले हैं.

DAP

DAP का पूरा नाम डाई अमोनियम फास्फेट हैं. इसमें नाइट्रोजन 18 प्रतिशत और फास्फोरस 46 प्रतिशत होता है. 18 प्रतिशत नाइट्रोजन में 15.5 प्रतिशत अमोनियम नाइट्रेट पाई जाती है जो पानी में घुलनशील होती है. जबकि 46 प्रतिशत फास्फोरस में भी 39.5 प्रतिशत फास्फोरस पानी में घुलनशील होता है. और बाकी का बचा हुआ फास्फोरस मिट्टी में मिलकर ख़तम हो जाता है. DAP का खाद सुखा दानेदार, काला और और ठोस दिखाई देता है. इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस मुख्य तत्व पाए जाते है.

कब करें इस्तेमाल

DAP का इस्तेमाल किसान भाई बीज रोपाई से पहले करता हैं. बीज रोपाई के दो दिन पहले इसे किसान भाई खेतों में मिला देता है. जिससे भूमि में आद्रता बनती है. और पौधे की जड़ें मजबूत बनी रहती हैं. इसका इस्तेमाल कमजोर भूमि में किया जाता है.

असली की पहचान कैसे करें

  1. खाद को मुठ्ठी में भीचकर फूंक देने से खाद पसीज जाता है.
  2. खाद के दानो में तम्बाकू चुने को मिलकर रगड़ने पर असहनीय तीक्ष्ण गंध निकलती है.
  3. दानो को तवे पर डालकर गर्म करने पर दाने फूलकर मोटे हो जाते हैं.

NPK

NPK का नाम इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के आधार पर रखा गया है. इसमें N = नाइट्रोजन, P = फास्फोरस और K = पोटेशियम तीन पोषक तत्व पाए जाते हैं. जिनके नाम के पहले अक्षर के आधार पर इसका नाम NPK रखा गया है.

NPK तीन तरह का होता है. जिन्हें इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के अनुपात के आधार पर तैयार किया गया है. इन तीन प्रकारों में NPK 18:18:18, NPK 19:19:19 और NPK 12:32:16 शामिल हैं. इनमें से NPK 12:32:16 का इस्तेमाल ज्यादातर किसान भाई करते हैं.

कब करें इस्तेमाल

NPK का इस्तेमाल DAP की तरह ही किया जाता है. इसको भी बीज रोपाई से पहले खेत में छिड़का दिया जाता है. इसका खाद भी दानेदार होता है. जो मिट्टी और पानी में अच्छे से घुल जाता है. इसका इस्तेमाल दाने वाली फसलों ( गेहूँ, धान ) में किया जाना अच्छा होता है. इससे दानो की चमक और उनका वजन बढ़ता है. जिससे पैदावार अच्छी मिलती है.

पहचान के तरीके

  1. इसके दानो का रंग सफ़ेद दिखाई देता है. जिन्हें पानी में डाल दिया जाए तो पूरी तरह से घुल जाते है.
  2. इसके दानो को पानी में मिलाने पर घोल ठंडा हो जाता है.
  3. इसके दानो को तवे पर रखने के बाद गर्म करने पर पिंघल कर द्रव बन जाते हैं. और अधिक गर्म करने पर वाष्प बन जाते हैं.

यूरिया

यूरिया के अंदर नाइट्रोजन की मात्रा सबसे ज्यादा पाई जाती है. यह जल में बहुत तेज़ी से घुलता है. इसमें लगभग 46 प्रतिशत नाइट्रोजन होती है. जो पौधों को तुरंत मिलती है. जिससे पौधा बहुत तेज़ी से विकास करता हैं. इसके इस्तेमाल से पौधे की पीली दिखाई देने वाली पत्तियां हरी हो जाती है. लेकिन इसका इस्तेमाल सिमित मात्रा में करना चाहिए. क्योंकि इसका अधिक इस्तेमाल पौधों को नुक्सान पहुँचाता हैं.

वर्तमान में सरकार ने सम्पूर्ण युरिया को किसानों के लिए उपयोगी बनाने के लिए नीम लेपित कर दिया हैं. जिससे अब इसकी कालाबाजारी कम हो गई है. और किसानों को आसानी से मिल रहा है. यूरिया को नीम लेपित करने के लिए उसमें नीम के तेल को मिला दिया जाता है. जिससे पौधा अच्छे से विकास करता है. और पौधे में कई रोगों से छुटकारा मिलता है.

कब करें इस्तेमाल

यूरिया खाद सफ़ेद रंग का मोटे और महीन दानेदार उर्वरक होता है. इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से खड़ी फसल में किया जाता है. खड़ी फसल में इसको छिडकने से पौधों को नाइट्रोजन की आपूर्ति शीघ्र हो जाती है. जिससे पौधे जल्दी विकास करते हैं.

पहचान का तरीका

यूरिया को पहचानने के सबसे आसान तरीका है की इसे पानी डालकर देखे. पानी में डालने पर यह तुरंत घुल जाता है. और NPK की तरह घोल में हाथ देने पर घोल ठंडा महसूस होता है.

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